Bihar सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए Bihar AI Education 2025 योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत कक्षा 6 से 12 तक के एक करोड़ से अधिक छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल कौशल सिखाया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में शिक्षा विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है और जल्द ही Adobe कंपनी के डिजिटल एजुकेशन प्रोग्राम के साथ समझौता किया जाएगा।
योजना का उद्देश्य और महत्व
Bihar AI Education 2025 का मुख्य उद्देश्य बच्चों को केवल किताबों तक सीमित न रखते हुए उन्हें तकनीकी दुनिया के लिए तैयार करना है।
इस पहल के अंतर्गत छात्रों को सिखाया जाएगा:
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)
- कंप्यूटर स्किल्स
- डेटा एनालिसिस
- क्रिएटिव थिंकिंग
- प्रॉब्लम-सॉल्विंग
Adobe का डिजिटल प्लेटफॉर्म छात्रों के लिए इंटरएक्टिव लर्निंग प्रदान करेगा, जिसमें वीडियो, ऑडियो और मल्टीमीडिया कंटेंट शामिल होंगे।
नई शिक्षा नीति के अनुसार पहल
NEP 2020 के अनुसार, यह परियोजना 2025-26 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होगी और 2026-27 तक पूरे बिहार में लागू कर दी जाएगी।
CBSE ने पहले ही कक्षा 9 से 12 तक AI को विषय के रूप में शामिल किया है। अब Bihar सरकार सरकारी स्कूलों के छात्रों को तकनीकी शिक्षा में आगे बढ़ाने के लिए इसी मॉडल को अपनाना चाहती है।
योजना कैसे और कब लागू होगी
- 2025-26: चयनित स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा।
- 2026-27: इस प्रोग्राम को बिहार के सभी मिडिल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में लागू किया जाएगा।
- MoU साइन होने के बाद शिक्षकों और छात्रों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शुरू होंगे।
पहले से ही शिक्षा विभाग ने 28 लाख बच्चों को 3D मल्टीमीडिया के माध्यम से 6,000 स्कूलों में पढ़ाया है। इस मॉडल को अब राज्यव्यापी स्तर पर बढ़ाया जाएगा।
सरकार का दावा: बच्चों का भविष्य सुरक्षित
नीतीश सरकार का कहना है कि यह पहल बच्चों को भविष्य की नौकरियों और करियर के लिए तैयार करेगी।
- ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे अब डिजिटल स्किल्स सीखकर शहरों के बच्चों से पीछे नहीं रहेंगे।
- एक अधिकारी ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि कंप्यूटर, डेटा और AI सीखना शहरों के बच्चों जितना आसान हो। यह बिहार की नई पीढ़ी को सशक्त बनाने की ऐतिहासिक पहल है।”
निष्कर्ष
Bihar AI Education 2025 योजना बिहार के छात्रों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह पहल बच्चों को केवल किताबों तक सीमित न रखते हुए उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल स्किल्स और तकनीकी ज्ञान में सक्षम बनाएगी। ग्रामीण और शहरी बच्चों के बीच डिजिटल अंतर को कम करने में यह योजना मदद करेगी।
इससे छात्रों को भविष्य की नौकरियों और करियर के लिए तैयार होने का अवसर मिलेगा। यह कदम निश्चित रूप से बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सशक्त और आधुनिक बदलाव लाएगा, और राज्य की नई पीढ़ी को तकनीकी दुनिया के लिए पूरी तरह से तैयार करेगा।